झांसी। गोपाष्टमी पर गौ माता का पूजन कर नगर को सुखमय बनाये रखने की कामना की गयी।
अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ के तत्वावधान में इस्कॉन मंदिर में गोपाष्टमी पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। प्रात:काल गाय माता का अभिषेक किया गया। नये परिधान धारण कराकर उनका श्रृंगार किया गया।
गौकथा को कहते हुये करूणासिंधू दास प्रभु ने बताया कि दीपावली के बाद आने वाली कार्तिक शुक्ल अष्टमी को गोपाष्टमी पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन गो, ग्वाल और भगवान श्रीकृष्ण का पूजन करने से विशेष लाभ मिलता है। गाय को माता का स्थान दिया गया है। अत: गाय को गौ माता (गौमाता) भी कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गौ चारण लीला शुरू की थी। कार्तिक शुक्ल अष्टमी के दिन मां यशोदा ने भगवान कृष्ण को गौ चराने के लिए जंगल भेजा था। गाय की पूजा करने से लोगों के कष्ट खत्म हो जाते हैं। मनुष्य को धर्मलाभ प्राप्त होता हैं। मंदिर में विराजे भगवान श्री राधा-कृष्ण जू की विशेष पूजा अर्चना गोपाष्टमी पर की गयी। जल्द सुबह से शुरू हुआ कार्यक्रम देर रात्रि तक चलता रहा।
इस दौरान मनीष नीखरा, महामुनिप्रभु, अनिलदास, श्यामसुंदर प्रभु, दिलीप साहू,गंगाराम शिवहरे, राजीव अग्रवाल समेत अधिक संख्या में भक्त उपस्थित रहे। संचालन व आभार पीयूष रावत ने व्यक्त किया।
रिपोर्ट-=आयुष साहू