पवित्र सात फेरों के लिए अनाज से लेकर वस्त्र तक किया दान
प्रदीप यादव / डा0 एन.के मौर्य
गोण्डा- इंसानियत का जज्बा देखना हो तो आइए विकास खंड वजीरगंज स्थित डुमरियाडीह के ग्राम भीखमपुर की सरज़मी पर जहाँ के महिला ग्राम प्रधान ने बाबा बालेश्वरनाथ मंदिर मे तरबगंज के अनाथ बच्ची का अपने ही गांव भीखमपुर के एक लड़के से खुद के खर्चे से शादी करवाकर एक मिशाल कायम किया है।
अवगत हो कि डुमरियाडीह स्थित भीखमपुर निडूरा गांव के निवासी 22 वर्षीय बड़कऊ पुत्र नेमराज के सर से तब उसके माँ साया उठ गया था जब मात्र 2 वर्ष का था, उसकी माँ शराबी बाप के हवाले अपने बेटे को छोड़ सन 1998 मे स्वर्ग सिधार गयी थी, इस दर्दनाक मंजर मे बड़कऊ का हाथ उसके चाचा खेमराज ने थामा, और पाल पोष कर उसे बड़ा किया, बताते चलें कि इसी तरह तहसील तरबगंज के ग्राम परसिया निवासी स्व0 बिफई की पुत्री मैना देवी जब बहुत छोटी थी तभी उसके सर से पिता व माँ राधा देवी का भी साया उठ गया जिसे वजीरगंज क्षेत्र के ग्राम चंदापुर स्थित गोरथनिया निवासी उसके फूफा पारसनाथ चौहान व बुआ जगता देवी ने संभाला, ज्ञातत्व हो कि बड़कऊ व मैना देवी के घर की माली हालत काफी खराब थी, जिसे ध्यान में रख कर ग्राम भीखमपुर के महिला ग्राम प्रधान उषा देवी पत्नी सूर्य नारायण मिश्रा ने दोनों को शादी के पवित्र बंधन में बाँधने का फैसला लिया, और दोनों घरों के परिजनो को बुलाकर सिद्ध पीठ बाबा बालेश्वरनाथ मंदिर मे अनाज से लेकर, बिंदिया, चूड़ी,वस्त्र आदि सामान को दान करके बड़कऊ के हाथों भगवान शिव के सामने सिन्दूर दान करवाया, जो एक अनोखी मिशाल है, काश इससे सबक लेकर और भी लोग इस नेक काम मे आगे आते तो बात कुछ और ही होती।