जेनेवा। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ ने एक ऐतिहासिक फैसले में सोची ओलंपिक 2014 में रूस द्वारा डोपिंग को प्रश्रय देने का इशारा किया। इसके साथ ही समिति ने रूस के एक स्वर्ण पदक विजेता खिलाड़ी को डोपिंग का दोषी पाए जाने के बाद उसे अयोग्य घोषित कर दिया है।
एलेक्जेंडर लेगकोव नाम के इस खिलाड़ी ने क्रास कंट्री स्की दौड़ में स्वर्ण पदक जीता था, जिसे छीन लिया गया। लेगकोव पर आगे किसी ओलंपिक में भाग लेने पर रोक लगा दी गई है और सोच्चि के उनके रिकॉर्ड को रद कर दिया गया। लेगकोव के अलावा एक अन्य रूसी क्रास-कंट्री स्की दौड़ के खिलाड़ी पर भी आजीवन प्रतिबंध लगाया गया है जबकि रूस के 26 और खिलाड़ियों से जुड़ी डोपिंग के मामले में सुनवाई अभी लंबित है।
इस मामले के साथ ही रूस पर लगे प्रतिबंध के और आगे बढ़ने की संभावना है। उस पर अगले साल होने वाले प्योंगचोंग ओलंपिक में भाग लेने पर पहले से प्रतिबंध लगा है। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आइओसी) का कार्यकारी बोर्ड इस मामले पर चर्चा के लिए अगले महीने बैठक करेगा।
आइओसी की अनुशासन समिति ने लेगकोव को डोपिंग टेस्ट के लिए पॉजिटिव नहीं पाया लेकिन उन सैंपल बोतलों में हेरफेर करने और उन्हें गुप्त रखने की कोशिश में लिप्त पाया, जिन्हें पिछले साल एंटी डोपिंग एजेंसी के जांचकर्त्ता रिचर्ड मैक्लारेन ने एकत्र किया था।
आइओसी ने कहा, ‘डोपिंग मामले की शुरुआत से ही समिति ने साफ-सुथरे एथलीटों की सुरक्षा के प्रति दृढ़संकल्प दिखाया है।’ आइओसी के बोर्ड की स्विट्जरलैंड के लुसाने में पांच और छह दिसंबर को बैठक प्रस्तावित है।