नई दिल्ली। राजधानी के सभी धार्मिक स्थलों में लगे लाउडस्पीकर पर रोक लगाने की मांग करते हुए हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। जिसमें याची ने तर्क दिया है कि यह लोगों के निजता के अधिकार का हनन है।
कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश व न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की बेंच ने मामले में केंद्र व दिल्ली सरकार के साथ दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 29 जनवरी 2018 को होगी। याची संजीव कुमार के अनुसार, लाउडस्पीकरों पर प्रतिबंध लगाने से संविधान के अनुच्छेद 25 व 26 के प्रावधान का उल्लंघन नहीं होगा।
याची ने दावा किया कि लाउडस्पीकर कभी भी किसी धर्म का हिस्सा नहीं रहा। उन्होंने कहा कि लाउडस्पीकर के शोर से लोगों के अकेले रहने, दूसरों से बात करने, पढ़ने, सोने आदि के मौलिक अधिकारों का हनन होता है।
उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों पर चार से पांच हजार साल पहले लाउडस्पीकर का प्रयोग नहीं होता था, क्योंकि लाउडस्पीकर 1924 में अस्तित्व में आया था।